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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन यानी एनएमएनएफ को मंजूरी दी है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करेगी। इससे रसायन मुक्त भोजन मिलेगा। यानी हर किसी को फायदा होगा। साथ ही किसानों की लागत कम होगी। मिशन के तहत किसानों को प्रशिक्षण और संसाधन दिए जाएंगे। जैविक संसाधन केंद्र भी स्थापित होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग (NMNF) को स्वतंत्र केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत शुरू करने की मंजूरी दी है। यह योजना 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक कुल 2481 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई है। इसमें भारत सरकार का हिस्सा 1584 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 897 करोड़ रुपये होगा।
इसका मकसद प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, किसानों की लागत कम करना और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना है। आने वाले दो वर्षों में 15,000 ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ किसानों तक पहुंचने और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करने का टारगेट है। इसके लिए 10,000 जैव-आदान संसाधन केंद्र (BRC) स्थापित किए जाएंगे और 2000 मॉडल प्रदर्शन फार्म बनाए जाएंगे। किसानों को प्रशिक्षण, प्रमाणन और बाजार पहुंच प्रदान की जाएगी।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत चलेगी
केंद्र सरकार ने देशभर में प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMNF) शुरू किया है। यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में चलेगी। सरकार ने इसके लिए 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक 2481 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस मिशन का मकसद किसानों को रासायनिक खेती से दूर करके प्राकृतिक खेती की ओर ले जाना है। प्राकृतिक खेती में स्थानीय पशुधन, प्राकृतिक तरीके और विविध फसल प्रणालियों का इस्तेमाल होता है। यह खेती पूरी तरह से रसायन मुक्त होती है।
सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है मकसद
NMNF का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह मिशन किसानों की खेती की लागत कम करने और बाहरी खरीदारी पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। प्राकृतिक खेती से मिट्टी की सेहत में सुधार होगा, जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ेगा। यह मिशन टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा।
अगले दो सालों में NMNF को 15,000 ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा, जो इसके लिए तैयार हैं। इसका लक्ष्य 1 करोड़ किसानों तक पहुंचना और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करना है। ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पहले से ही प्राकृतिक खेती करने वाले किसान, स्वयं सहायता समूह (SHG), प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और किसान उत्पादक संगठन (FPO) मौजूद हैं।
इसका मकसद प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, किसानों की लागत कम करना और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना है। आने वाले दो वर्षों में 15,000 ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ किसानों तक पहुंचने और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करने का टारगेट है। इसके लिए 10,000 जैव-आदान संसाधन केंद्र (BRC) स्थापित किए जाएंगे और 2000 मॉडल प्रदर्शन फार्म बनाए जाएंगे। किसानों को प्रशिक्षण, प्रमाणन और बाजार पहुंच प्रदान की जाएगी।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत चलेगी
केंद्र सरकार ने देशभर में प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMNF) शुरू किया है। यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में चलेगी। सरकार ने इसके लिए 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक 2481 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस मिशन का मकसद किसानों को रासायनिक खेती से दूर करके प्राकृतिक खेती की ओर ले जाना है। प्राकृतिक खेती में स्थानीय पशुधन, प्राकृतिक तरीके और विविध फसल प्रणालियों का इस्तेमाल होता है। यह खेती पूरी तरह से रसायन मुक्त होती है।सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है मकसद
NMNF का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह मिशन किसानों की खेती की लागत कम करने और बाहरी खरीदारी पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। प्राकृतिक खेती से मिट्टी की सेहत में सुधार होगा, जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ेगा। यह मिशन टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा।अगले दो सालों में NMNF को 15,000 ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा, जो इसके लिए तैयार हैं। इसका लक्ष्य 1 करोड़ किसानों तक पहुंचना और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करना है। ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पहले से ही प्राकृतिक खेती करने वाले किसान, स्वयं सहायता समूह (SHG), प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और किसान उत्पादक संगठन (FPO) मौजूद हैं।
ONOS स्कीम को भी हरी झंडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी बैठक में 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) योजना को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना से देशभर के सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के R&D प्रयोगशालाओं को शोध पत्रों और जर्नल प्रकाशनों तक पहुंच मिलेगी। यह सुविधा पूरी तरह से डिजिटल और उपयोग में आसान होगी।
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